ठेका श्रम (विनियमन और उत्सादन) अधिनियम, 1970 में ठेका श्रमिकों के रोजगार के नियमित करने और कुछ परिस्थितियों में इसे समाप्त करने का प्रावधान किया गया है ।
इसमें ऐसे स्थापन शामिल है जिसमें 20 या इससे अधिक अधिक कर्मकार 'ठेका श्रमिक ' के रूप में नियोजित हैं या पूर्ववर्ती 12 माह के किसी भी दिन नियोजित थे और इसमें ऐसे ठेकेदार शामिल है जो 20 या इससे अधिक कर्मकारों को नियोजित करता हैं या जिसने पूर्ववर्ती 12 माह के किसी भी दिन 20 या इससे अधिक कर्मकारों को नियोजित किए थे । यह उन स्थापनों पर लागू नहीं होता जहां काम अनिरंतर और आकस्मिक प्रकृति का है, जब तक कि काम एक वर्ष में क्रमशः 120 दिन और 60 दिनों से अधिक नहीं किया जाता है (धारा-I) । इस अधिनियम में अधिनियम के प्रशासन से उत्पन्न मामलों पर संबंधित सरकारों को सलाह देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा केंद्रीय और राज्य सलाहकार संविदा श्रम बोर्डों की स्थापना के लिए प्रावधान किया गया है (धारा 3 और 4)। अधिनियम के तहत आने वाले स्थापनों को उपयुक्त अधिकारियों के साथ प्रमुख नियोक्ता के रूप में पंजीकृत होना अपेक्षित है । प्रत्येक ठेकेदार को लाइसेंस प्राप्त करना अपेक्षित है और लाइसेंसिंग अधिकारी द्वारा उनकी ओर से इस संबंध में जारी लाइसेंस के तहत और उसके अनुसार छोड़कर, ठेका श्रमिक के माध्यम से किसी भी काम को निष्पादित नहीं किया जाता है । प्रदान किया गया लाइसेंस नियमावली में यथा निर्धारित संविदा के संबंध में काम के घंटे, मजदूरी के निर्धारण और अन्य आवश्यक सुविधाओं से संबंधित शर्तों के अधीन है(धारा 7 और 12) ।
इस अधिनियम में कैंटीन और विश्राम कक्ष की स्थापना के लिए ठेकेदार द्वारा ठेका श्रमिकों को प्रदान की जाने वाली कुछ सुविधाएं निर्धारित की गई हैं; स्वच्छ पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति की व्यवस्था, शौचालय और मूत्रालय, धुलाई की सुविधा और प्राथमिक चिकित्सा सुविधाए अनिवार्य कर दी गई है । ठेकेदार की ओर से इन सुविधाओं को प्रदान करने में विफलता के मामले में, प्रधान नियोक्ता इसे प्रदान करने के लिए उत्तरदायी है (धारा 16, 17, 18, 19 और 20) ।
The Contract Labour (Regulation and Abolition) Act, 1970 provides for regulation of the employment of contract labour and its abolition under certain circumstances.
It covers every establishment in which 20 or more workmen are employed on any day of the preceding 12 months as ‘contract labour’ and every contractor who employs or who employed
on any day of the preceding 12 months, 20 or more contract employee. It does not apply to establishments where the work is of intermittent and casual nature unless work performed
is more than 120 days and 60 days in a year respectively (Section 1). The Act provides for setting up of Central and State Advisory Contract Labour Boards by the Central and
State Governments to advise the respective Governments on matters arising out of the administration of the Act (Section 3 & 4). The establishments covered under the Act are
required to be registered as principal employers with the appropriate authorities. Every contractor is required to obtain a licence and not to undertake or execute any work
through contract labour, except under and in accordance with the licence issued in that behalf by the licensing officer.
The licence granted is subject to conditions relating to hours of work, fixation of wages and other essential amenities in respect of contract as prescribed in the rules (Section 7 & 12).
The Act has laid down certain amenities to be provided by the contractor to the contract labour for establishment of Canteens and rest rooms; arrangements for sufficient supply
of wholesome drinking water, latrines and urinals, washing facilities and first aid facilities have been made obligatory. In case of failure on the part of the contractor to
provide these facilities, the Principal Employer is liable to provide the same (Section 16, 17, 18, 19 and 20).